राजस्थान के जालोर जिले का भीनमाल नगर का पुराना नाम श्रीमाला नगर था जो श्रीमाली ब्राम्हीन का उत्त्पत्ति स्थान है। लक्ष्मीजी के कहने से श्री विश्वकर्मा जी ने नगर बनाया था , जिनका आकार माला जैसा होने के कारन श्री विश्वकर्मा जी ने ही उनका नाम श्रीमाला नगर रखा था। लक्ष्मी जी को ब्रम्हीन प्रिया होने के कारन इस नगर मैं रहने के लिए ब्रम्हिनो को बुलाया था बाद मैं भील लोगो ने इस नगर पर कब्ज़ा जमाया अतः इस नगर का नाम भील्माल हो गया। जो अभी भीनमाल के नाम से प्रचलित है। भील लोगो के त्रास से ही ब्रम्हिनो ने ये नगर छोड़ दिया बाद मैं ये सभी श्रीमाली ब्राह्मिन, श्रीमाली वनिक (दशा अवं वीसा ) के रूप मैं जाने गए।श्रीमाली ब्रह्मिन के १४ गोत्र है , सभी गोत्र की कुल देवी माँ अवं कुल देवता महादेव जी भीनमाल मैं बिराजमान है।
यह जानकारी स्कन्द पूरण से पाए जाती है।
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